Share Market Crash:आज अचानक शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. कारोबार की शुरुआत के दौरान ही शेयर बाजार दबाव में दिख रहा था, जिसके बाद अब सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में बड़ी गिरावट आई है. Sensex 79,713.14 पर खुला था, लेकिन अब 1409 अंक याह 1.77 फीसदी टूटकर 78,316 पर आ चुका है. इसी तरह Nifty सोमवार को 24,315.75 अंक पर खुला था, लेकिन अब 454 अंक टूटकर 23,850 पर कारोबार कर रहा था.
BSE सेंसेक्स के टॉप 30 शेयरों में से 28 शेयर बड़ी गिरावट पर कारोबार कर रहे थे, जबकि सिर्फ 2 शेयरों में तेजी देखी जा रही है. सबसे ज्यादा तेजी महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में 2.39 फीसदी की है. वहीं सबसे ज्यादा गिरावट सनफार्मा के शेयरों में 4 फीसदी की हुई है. देश की सबसे बड़ी कंपनी Reliance Industries के शेयर भी 2.64 फीसदी टूट चुके हैं, जिस कारण मार्केट में और दबाव बढ़ा है.
बड़ी गिरावट वाले शेयर
बड़ी शेयरों में गिरावट की बात करें तो RIL, Adanin Port, sunpharma, Tata Motors जैसे हैवीवेट शेयरों में 3 फीसदी तक की गिरावट हुई है.
इंडियन ऑयल के शेयर 5 फीसदी, बजाज ऑटो के शेयर 4.30 फीसदी, हीरोमोटोकॉर्प के शेयर 3.8 फीसदी गिरे हैं.
हिंदुस्तान जिंक 4 फीसदी, HPCL के शेयर 3.82 फीसदी और PVR 6%, चेन्नई पेट्रो कॉर्प 5.49 फीसदी और ब्लू स्टार 5 फीसदी टूटा है.
82 शेयरों में लगा लोअर सर्किट
एनएसई के 2,673 शेयरों में से 430 शेयरों में तेजी देखी जा रही है, जबकि 2,193 शेयर गिरावट पर कारोबार कर रहे हैं. वहीं 50 शेयर अनचेंज हैं. 61 शेयर 52 सप्ताह के हाई लेवल पर कारोबार कर रहे हैं, जबकि 19 शेयर 52 सप्ताह के निचले स्तर पर आ गए हैं. 104 शेयरों में अपर सर्किट देखा जा रहा है और 82 शेयर लोअर सर्किट पर कारोबार करते दिख रहे हैं.
क्यों गिरा शेयर बाजार?
- 5 नवंबर को अमेरिका में चुनाव होने वाला है. इस बीच कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कड़ी टक्कर को लेकर निवेशक आर्थिक प्रभावों को लेकर चिंतित हैं. जिस कारण मार्केट में बिकावली देखी जा रही है.
- 7 नवंबर को फेडरल रिजर्व की बैठक है. ऐसे में अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति बैठक भी भारतीय बाजार में आशंकाओं को बढ़ा रही है.
- दूसरी तिमाही में कई कंपनियों के नतीजे खराब आए हैं, जिसने निवेशकों के मूड को बिगाड़ा है. ऐसे में बिकवाली देखी जा रही है.
- ओपेक+ द्वारा रविवार को यह घोषणा किए जाने के बाद कि वह कमजोर मांग और समूह के बाहर बढ़ती आपूर्ति के कारण दिसंबर में उत्पादन में वृद्धि की योजना को एक महीने के लिए टाल देगा. इससे तेल के दाम में उछाल देखा जा रहा है, जिस कारण RIL जैसे शेयर तेजी से गिरे हैं.