IPO Update: प्राइवेट हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी, निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस अब पब्लिक होने जा रही है। कंपनी ने अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के लिए प्राइस बैंड 70-74 रुपये प्रति शेयर तय किया है। कंपनी की योजना आईपीओ के माध्यम से 2,200 करोड़ जुटाने की है। यह इश्यू 800 करोड़ के नए निर्गम (फ्रेश इश्यू) और 1,400 करोड़ के बिक्री पेशकश (OFS) का संयोजन है।
Niva Bupa Health Insurance का IPO सब्सक्रिप्शन के लिए इस दिन खुलेगा
निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस का आईपीओ गुरुवार, 7 नवंबर को पब्लिक सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा और सोमवार, 11 नवंबर को बंद होगा। एंकर निवेशकों के लिए यह आईपीओ एक दिन पहले यानी बुधवार, 6 नवंबर को ही दांव लगाने के लिए खुल जाएगा। प्रमोटर बूपा सिंगापुर होल्डिंग्स पीटीई और वैश्विक निजी इक्विटी फर्म ट्रू नॉर्थ के स्वामित्व वाली फेटल टोन एलएलपी क्रमशः 350 करोड़ रुपये और 1,050 करोड़ रुपये के शेयर ऑफर-फॉर-सेल में बेचेंगे।
कब होगी Niva Bupa Health Insurance IPO की लिस्टिंग
सब्सक्रिप्शन विंडो बंद होने के बाद, निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस आईपीओ के शेयरों का आवंटन, मंगलवार 12 नवंबर 2024 को फाइनल होने की उम्मीद है और कंपनी के शेयर बुधवार, 13 नवंबर 2024 को आवंटियों के डीमैट खातों में जमा किए जाएंगे। निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस के शेयर गुरुवार, 14 नवंबर 2024 को BSE और NSE पर लिस्ट होने की संभावना है।
Niva Bupa Health Insurance IPO के बुक रनिंग लीड मैनेजर
निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस आईपीओ को संभालने वाले बुक रनिंग लीड मैनेजर आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, मॉर्गन स्टेनली इंडिया कंपनी, कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी, एक्सिस कैपिटल, एचडीएफसी बैंक और मोतीलाल ओसवाल इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स हैं। KFin Technologies इस ऑफर के लिए रजिस्ट्रार है।
Niva Bupa Health Insurance IPO से मिले धन का क्या करेगी?
गुरुग्राम स्थित इस हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी का उद्देश्य नई इश्यू से प्राप्त 800 करोड़ रुपये का उपयोग अपनी पूंजी आधार को मजबूत करने और सॉल्वेंसी लेवल को बनाए रखने हेतु निवेश करना है।
निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस की फाइनैंशियल हेल्थ
वित्तीय प्रदर्शन की बात करें तो, निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस ने वित्त वर्ष 2024 में 81.85 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट कमाया, जो पिछले वित्त वर्ष के 12.5 करोड़ रुपये से काफी अधिक है, लेकिन इसी अवधि में ऑपरेटिंग लाभ 350.9 करोड़ रुपये से घटकर 188 करोड़ रुपये रह गया।