चीन के मार्केट मे दवाब
लेकिन यह ट्रेंड देखने को मिला है वित्तीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर एफपीआई की बिकवाली के बावजूद यह सेक्टर लचीला बना हुआ है। इससे साफ है कि भारतीय शेयरों का उचित मूल्यांकन हैं क्योंकि बिक्री घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) और व्यक्तिगत निवेशकों ने बिकवाली को एबजॉर्ब किया है। विदेशी निवेशक भारत से पैसा निकालकर चीन में लगा रहे थे। इसकी वजह यह थी कि चीन की सरकार ने भारी-भरकम पैकेज की घोषणा की थी। उसके बाद चीन के बाजारों में कुछ तेजी दिख रही थी।
लेकिन अब एक बार फिर चीन के बाजार में दबाव हावी होने लगा है। हाल के दिनों में शंघाई और हैंग सेंग इंडेक्स में गिरावट आई है। वैश्विक मोर्चे पर बाजार आने वाले सप्ताह में कुछ दिनों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों पर प्रतिक्रिया देंगे। उसके बाद अमेरिकी में जीडीपी के आंकड़े, महंगाई और फेड के दर में कटौती जैसे बुनियादी कारक बाजार की चाल को प्रभावित करेंगे।